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उत्तराखण्ड परिवहन निगम में कार्यरत कर्मी अगले 6 महीने तक नहीं कर पाएंगे हड़ताल, आदेश जारी…

उत्तराखंड में नए हिट एंड रन कानून को लेकर पिछले दो दिनों रही रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल से जहां आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा तो वहीं अब मामले में उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। लोकहित में राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड परिवहन निगम में कार्यरत कर्मियों की समस्त सेवाओं को आवश्यक सेवा घोषित कर दिया है। इसके साथ ही उनकी हड़ताल को आगामी छह माह तक रद्द करने का फैसला किया है। जिसके आदेश जारी किए गए है।

मिली जानकारी के अनुसार  परिवहन निगम को आवश्यकीय सेवा मानते हुए शासन ने हड़ताल पर रोक लगा दी है। जारी आदेश में लिखा है कि राज्यपाल, उत्तर प्रदेश अतिआवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 (उ०प्र० अधिनियम संख्या 30 वर्ष 1966) की धारा 3 की उपधारा (1) सपठित औद्यौगिक विवाद अधिनियम 1947 (उत्तराखण्ड राज्य में यथाप्रवृत्त) की धारा 22 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके इस अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से छः माह की अवधि के लिये उत्तराखण्ड परिवहन निगम में कार्यरत कर्मियों की समस्त सेवाओं को अत्यावश्यक सेवायें घोषित करते हुये उनकी हड़ताल आदि को निषिद्ध करते हैं। ये आदेश सचिव अरविन्द सिंह ह्याँकी की ओर से जारी किए गए है।

गौरतलब है कि देशभर में ट्रक और बस ड्राइवरों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात समेत तमाम राज्यों में ट्रक और बसों के पहिए थम गए, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह से ठप हो गया था। हजारों यात्री अपने गंतव्य पर जाने के लिए परेशान होते रहे, कोई भी बस ड्राइवर बस चलाने को तैयार नहीं था। हड़ताल से देश में पेट्रोल-डीजल की कमी तक हो गई। हालांकि केंद्र के आश्वासन के बाद ट्रक और बस ड्राइवरों की हड़ताल फिलहाल अब खत्म हो गई है। अगर ये हड़ताल नहीं रोकी जाती तो आम जनता की जेब पर इसका भारी असर भी पड़ सकता था। कर्मी दुबारा हड़ताल पर न जाएं इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने हड़ताल पर रोक लगा दी है।

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