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तो इसलिए याद रखा जाएगा उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव, जानिए पूरी खबर..

देहरादून। राज्य की पांचवी विधानसभा के चुनावी (Uttarakhand Assembly Election 2022) संग्राम का फैसला 10 मार्च को होना है, प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। ये चुनाव जहां बीजेपी (bjp) और कांग्रेस(congress)  के लिए अपनी राजनीतिक साख को बचाए रखने की जंग है वहीं ये चुनाव कई और मायनों में भी अहम है। प्रचार के दौरान नेताओं की ओर से आरोप-प्रत्यारोप, बदजुबानी और ध्रुवीकरण के तीखे बाण छोड़े गए।

दलबदल का खेल: चुनाव के ऐलान के साथ ही दलबदल की राजनीति शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार कई बड़े ऐसे नाम इस फेहरिस्त में शामिल हो गए जिन्होंने सभी को चौका दिया। धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और हरक सिंह रावत ने बीजेपी (bjp) का दामन छोड़ कांग्रेस (congress) का हाथ पकड़ लिया। सरिता आर्य, दुर्गेश्वर लाल और किशोर उपाध्याय कमल खिलाने का संकल्प लेते हुए बीजेपी (bjp) परिवार में शामिल हो गए। इस खेल में ओम गोपाल रावत और टिहरी विधायक धन सिंह नेगी ने बीजेपी से किनारा करते हुए कांग्रेस (congress) का दामन थाम लिया।

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प्रचार में नजर आई आक्रामकता : वर्चुअल रैली (virtual rally) फिजिकल सभाओं में तब्दील हुई, राजनीतिक दलों की ओर से नारों, मुद्दों और आरोपों के तीर साधे गए। कई वादे किए गए तो कई विकास कार्यों को याद दिलाया गया। मुस्लिम विवि के मुद्दे को लेकर बीजेपी (bjp) ने कांग्रेस (congress) को जमकर घेरा। बीजेपी (bjp) का शायद ही कोई नेता रहा होगा जिसने कांग्रेस (congress) पर तंज कसने का मौका छोड़ा होगा। इसी बीच सीएम धामी के समान नागरिक संहिता के मुद्दे को लेकर बीजेपी ने राजनीतिक बिसात की आखिरी चाल चली।

कांग्रेस ने दिया तीन तिगाड़ा का नारा : कांग्रेस (congress) की ओर से हरीश रावत ने साफ किया कि कांग्रेस का चुनावी मुद्दा बेरोजगारी, महंगाई और अर्थव्यवस्था रहेगा। उन्हें बीजेपी (bjp) के किसी राजनीतिक चाल का हिस्सा नहीं बनना है। इसके अलावा हरीश रावत ने तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा का नारा देते हुए बीजेपी (bjp) को असहज करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि बीजेपी (bjp) ने तीन-तीन मुख्यमंत्री बदले लेकिन राज्य की तस्वीर नहीं बदल पाए।

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थीम सॉग्स के जरिए प्रचार : वैसे तो हर चुनाव में थीम सॉग्स और नारों के जरिए जनता को लुभाने का प्रचलन है, लेकिन इस बार उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव का एक अलग अंदाज देखने को मिला। बीजेपी को मशहूर सिंगर जुबिन नौटियाल ने अपनी आवाज दी। प्रधानमंत्री मोदी की कविता को उन्होंने सुरों में बांधा। बीजेपी, कांग्रेस, आप के अलावा प्रत्याशियों के प्रचार में भी सुरों का सहारा लिया गया।

चुनावी रेस के नहीं बन पाए प्रतिभागीः कांग्रेस (congress)  में शामिल होने के बाद अटकलें थी कि हरक सिंह रावत चौबट्टाखाल से सतपाल महाराज के खिलाफ चुनावी शंखनाद करेंगे। लेकिन कांग्रेस की ओर से उन्हें टिकट नहीं दिया गया, हालाकि उनकी पुत्रवधु को लैंसडौन से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया गया। वहीं विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और देशराज कर्णवाल को चुनाव से दूर रखा गया।

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