बाजार से क्यों गायब हो रहे हैं दो हज़ार के नोट, जानिए कारण
दिल्लीः वित्त वर्ष(financial year) 2020 और 2021 में 2 हजार का नया नोट नहीं छापा गया है सरकार की ओर से लोकसभा में इसकी जानकारी दी गई। अब सवाल ये कि आखिरी दो हज़ार के नोटों की छपाई क्यो नहीं की गई। दरअसल RBI के deta के अनुसार 2019 में एक लाख रुपये के नोटों में 2 हजार के नोटों (Bank Note) की संख्या 32910 रुपये होती थी। यह मार्च 2021 तक घटकर 24510 रुपये रह गई। 30 लाख करोड़ रुपये के कुल circulation में 2 हजार के नोटों का मूल्य 2019 में 6 लाख 58 हजार करोड़ था। जो एक साल बाद यानि 2020 में घटकर 4 लाख 90 हजार करोड़ पहुंच गया।
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500 रुपये के नोटों का चलन बढ़ा
31 march 2021 तक देश में चलन में आ रहे कुल नोट(note) में 2000 और 500 रुपये के 85 प्रतिशत note थे। बाकी नोट 10, 20, 50 और 100 रुपये के थे। 31 march 2020 में यह आंकडा 83 प्रतिशत रहा। इससे साफ है कि सर्कुलेशन में 500 रुपये के नोटों की संख्या बढ़ी है। 2000 के नोट(note) से छोटे लेन-देने में दिक्कत होती है। जिसके कारण पांच सौ और सौ रुपए के नोटों का चलन बढ़ा है।
ATM से 2000 के नोटों के box हटाए
लोगों को छोटे लेनदेन में किसी तरह की पेरशानी न हो, इसके लिए ATM और bank की cash window से 500 रुपये के ही note ज्यादा मिल रहे हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि ATM में धीरे-धीरे 2000 के note वाले box की जगह 500 के note वाला box लगाया जा रहा है। साथ ही ATM में नोट(note) डालने वाली कंपनी(company) को 2 हजार के नोट कम उपलब्ध किए जा रहे हैं।
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जमाखोरी की भी आशंका
जानकारों का कहना है कि यह भी संभव है कि 2 हजार के नोटों की जमाखोरी हो रही है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि 5 राज्यों में चुनाव के ऐलान(announcement) होने के बाद 2 हजार के नोट बाजार में कम दिख रहे हैं। दरअसल बड़े मूल्य वाले नोटों पर छपाई का खर्च ज्यादा आने के कारण इन नोटों की छपाई कम की जा रही है।
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