उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: बीजेपी नहीं आम आदमी पार्टी ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल
देहरादून: छोटे सियासी दल की दमदार मौजूदगी का नतीजा रहा कि 23 विधानसभा सीटों पर हार-जीत का अंतर 100 वोटों से लेकर 5000 वोटों के बीच रहा। करीब सात विधानसभा सीटों धनोल्टी, रामनगर, डीडीहाट, धारचूला, अल्मोड़ा, प्रतापनगर और कोटद्वार में निर्दलियों के दमदार प्रदर्शन से कहीं भाजपा तो कहीं कांग्रेस प्रत्याशियों के हाथों से जीत फिसल गई। चुनाव आयोग के नतीजों का विश्लेषण करने के बाद यह रोचक तथ्य भी उजागर हुआ कि आम आदमी पार्टी बेशक एक भी सीट नहीं जीत पाई, लेकिन आधा दर्जन सीटों पर उसकी दमदार मौजूदगी ने समीकरणों को गड़बड़ा दिया।
यूकेडी रही तीसरा ताकत फेक्टर
मंगलौर, कपकोट, जसपुर, गदरपुर, रानीखेत सरीखी सीटों पर उसकी मौजूदगी से हुए मत विभाजन के कारण हार-जीत का अंतर प्रभावित हुआ। यूकेडी ने सल्ट, द्वारहाट, नरेंद्र नगर और देवप्रयाग में ताकत दिखाई जो कहीं कांग्रेस तो कहीं भाजपा को भारी पड़ी। टिहरी सीट पर उत्तराखंड जन एकता पार्टी, रुड़की सीट पर आजाद समाज पार्टी ने भी वोटों के समीकरण को प्रभावित किया।
बदरीनाथ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी 2066 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। श्रीनगर गढ़वाल सीट पर बीजेपी के डॉ धन सिंह रावत केवल 528 वोटों के अंतर चुनाव में विजेता बने। इस सीट पर 639 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। यानी ये वोट यदि भाजपा या कांग्रेस के खाते में जाते तो हार जीत के साथ अंतर भी प्रभावित होता। इस सीट पर यूकेडी तीसरा ताकत फेक्टर रही।
सबसे कम अंतर की सीटें
अल्मोड़ा और द्वारहाट की सीटों जीत-हार आंकड़ा सबसे कम वोटों का रहा। अल्मोड़ा सीट पर कांग्रेस के मनोज तिवारी ने जीत दर्ज की। अल्मोड़ा सीट पर कांग्रेस के मनोज तिवारी ने भाजपा कैलाश शर्मा को 127 वोटों से हराया। इस सीट पर आप को 1665 वोट मिले। मजेदार बात यह है कि यहां 401 मतदाताओं ने नोटा दबाया। इसी तरह द्वारहाट में कांग्रेस किस्मत से जीती। उसकी जीत का अंतर महज 182 वोटों का रहा, यूकेडी तीसरे स्थान पर रही, जबकि नोटा पर 791 वोट पड़े। जाहिर है कि नोटा के वोट पड़ते तो यह नतीजे को प्रभावित कर सकते थे।
मंगलौर और टिहरी में बिगड़ा खेल
मंगलौर और टिहरी सीट पर भी तीसरे प्रत्याशी की मौजूदगी ने कांग्रेस का खेल बिगड़ गया। मंगलौर में कांग्रेस का खेल आम आदमी पार्टी ने खराब कर दिया। इस सीट से आप ने 2528 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को इस सीट पर महज 598 वोटों से मात मिली। इसी तरह टिहरी सीट पर उत्तराखंड जन एकता पार्टी ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया।