रूस के खिलाफ यूक्रेन की हथियारों से लैस ट्रेन, जानिए इसमें क्या है खास
न्यूज डेस्क: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में भले ही पलड़ा रूस का भारी है, लेकिन यूक्रेन की सेना ने रूस को करारा जवाब दिया है। रूस ने कई हथियारों और बख्तरबंद गाड़ियों को जंग में गंवां चुकी है। इस बड़ी समस्या से निजात पाने के लिए रूसी सेना ने अब हथियारों से लैस ट्रेन यूक्रेन भेजी है। खबरों के मुताबिक घातक हथियारों से लैस यह ट्रेन यूक्रेन की जंग में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रही है। सोशल मीडिया में आए वीडियो में नजर आ रहा है कि यह ट्रेन रूस के नियंत्रण वाले क्रीमिया के एक यार्ड से रवाना होकर यूक्रेन के मेलितोपोल शहर पहुंची है। वीडियो कब का है इसकी जानकारी तो नहीं लग पाई है लेकिन उसके ऊपर ‘Z’ सिंबल बना हुआ है जो यूक्रेन की जंग में हिस्सा ले रहे प्रत्येक रूसी हथियार पर है।
ट्रेन में दो डीजल इंजन लगे हैं और उसमें 8 अलग अलग तरह की बोगियां हैं। ट्रेन के पीछे डबल बैरल आटोमेटिक तोप लगी है। इस तोप के जरिए हवा में कम ऊंचाई पर उड़ रहे एयरक्राफ्ट और जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाया जाता है। वीडियो से अभी यह नहीं पता चल पाया कि इस ट्रेन में कौन-कौन से हथियार लगाए गए हैं, फिर भी अनुमान है कि इस ट्रेन में कई तरह के हथियार लदे हुए हैं। इस ट्रेन के एक डिब्बे में किसी चीज को लपेटकर रखा गया था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि रूस के पास ऐसी कितनी ट्रेन हैं जिन्हें सबसे पहले सोवियत जमाने में सेना में शामिल किया गया था।
द ड्राइव की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले कम से कम 4 ट्रेनों को रूस ने चेचेनिया और जार्जिया के युद्ध में इस्तेमाल किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रूस ने इस ट्रेन को जंग में क्यों इस्तेमाल किया है। आमतौर पर रूस में ट्रेनों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर सैनिकों, टैंक और अन्य वाहनों को इधर से उधर ले जाने के लिए किया जाता है। इससे पहले रूस कई अभ्यास कर चुका है जिसमें रूसी सेना ट्रेन के जरिए अपने हथियार और अन्य साजोसामान लेकर गई है। साल 2016 में बैकाल और अमूर ट्रेनों ने क्रीमिया में सामानों को इधर से उधर ले जाने के अभियान में हिस्सा लिया था। ऐसा कहा जाता है कि करीब 15 साल बाद रूसी सेना की हथियारबंद ट्रेनों ने देश के किसी हिस्से में हो रहे अभ्यास में हिस्सा लिया था।
यूक्रेन की सेना ड्रोन विमानों की मदद से रूस के लॉजिस्टिक चेन को जमकर निशाना बना रही है। यही वजह है कि गत 24 फरवरी को हमला करने वाली रूसी सेना अभी तक राजधानी कीव तक नहीं पहुंच पाई है। इससे पहले तुर्की से मिले ड्रोन ने रूस की एक ट्रेन को निशाना बनाया था जो तेल लेकर सीमा तक आई थी।