नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस मे मची होड़, विधायक हरीश धामी ने कहा युवा को देना चाहिए मौका
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. और कांग्रेस को एक बार फिरसे हार का सामना करना पड़ा और अब 19 विधायकों के साथ कांग्रेस सदन के अंदर विपक्ष में बैठने की तैयारी कर रही है. वैसे तो कांग्रेस की हार की कई वजह रही हैं लेकिन एक जो सबसे बड़ी वजह रही वो है गुटबाजी, 2017 विधानसभा चुनाव की बात करें या फिर 2022 विधानसभा चुनाव की दोनों में ही हार की एक बड़ी वजह गुटबाजी भी रही. बावजूद इसके गुटबाजी है कि खत्म होने का नाम नही ले रही है.2017 के चुनाव नतीजों के बाद पांच साल तक कांग्रेस के अंदर खुब गुटबाजी चली, प्रीतम सिंह हों या फिर हरीश रावत, स्वर्गीय कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश हो या फिर किशोर उपाध्याय सभी अपने अपने गुटों में व्यस्त रहे और इसका खामियाजा 2022 के चुनाव में भी भुगतना पड़ा और नतीजे आपके सामने हैं.
तो एक बार फिर से यही गुटबाजी दिखने लगी है. जहां अभी तक कांग्रेस ने हार की समीक्षा तक नही की है तो दूसरी तरफ पार्टी के अंदर नेता प्रतिपक्ष के बनने के लिए होड़ मचने लगी है.सोशल मीडिया में अब कांग्रेस के युवा नेता जो की पिछले लंबे समय से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं और वरिष्ट नेताओं में सुमार किये जाते हैं हरीश धामी उन्होंने नेता प्रतिपक्ष बनने की बात कह दी है. उनका कहना है कि “भाजपा युवा नेताओं पर दाव खेल रही है तो कांग्रेस को भी युवा चेहरों पर विश्वास जताना चाहिए. और उन्हें पूरा यकिन है की कांग्रेस उन्हें एक मौका देगी”
हरीश धामी की इस बयान के बाद अब कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी एक बार फिर से दिखने लगी है. जहां हरीश धामी को हरीश रावत के नजदीकी नेता माना जाता है और समय समय पर वो हरीश रावत के लिए हर वक्त खड़े भी रहते हैं तो क्या ये माना जाए को हरीश रावत चाहते हैं की वो नेता प्रतिपक्ष बने. दूसरी तरफ प्रीतम सिंह कांग्रेस के वरिष्ट नेता रहे हैं उनको संसदीय कार्यों का ज्ञान भी बहुत ज्यादा है वो कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं तो पार्टी के अंदर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी उन्होंने संभाली है. ऐसे में क्या कांग्रेस इतने वरिष्ट नेता जो की नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी में खरे भी उतरे उन्हें नजरअंदाज करके एक युवा को नेता प्रतिपक्ष बना देगी.