ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का इतना हुआ काम, जानें कब चलेगी ट्रेन…
उत्तराखंड में पहाड़ पर रेल जल्द ही रफ्तार भरती नजर आ सकती है। बताया जा रहा है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। रेल परियोजना पर सुरंगों की खोदाई और अन्य निर्माण कार्य वर्ष 2025 के दिसंबर माह तक पूरे हो जाएंगे। परियोजना की कार्य प्रगति उम्मीद के मुताबिक रही तो वर्ष 2026 में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 125 किमी लंबी ब्राड गेज रेल लाइन में 104 किमी भाग विभिन्न 17 सुरंग के भीतर से होकर गुजरेगा। बताया जा रहा है कि मुख्य व सहायक सुरंगों की कुल 213 किमी में से 153 किमी खोदाई हो चुकी है। मुख्य सुरंगों की कुल लंबाई 104 किमी है। जिसमें से 75 किमी की खोदाई हो चुकी है। सभी सहायक सुरंगें हाईवे से जोड़ी जाएंगी। जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर यात्रियों को सीधे हाईवे पर निकाला जा सके।
बताया जा रहा है कि परियोजना में कुल 16 रेलवे पुल भी हैं जिनमें से चंद्रभागा, गूलर, लक्ष्मोली व श्रीनगर के रेलवे पुल बन कर तैयार हो चुके हैं। शेष 12 पुलों का निर्माण कार्य भी 50 फीसदी पूर्ण हो चुका है। परियोजना में कुल 12 स्टेशन हैं। जिनमें से वीरभद्र और योगनगरी रेलवे स्टेशन बन कर तैयार हो चुके हैं। अब 10 स्टेशन बनने हैं। स्टेशन निर्माण के लिए अगस्त तक टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। बड़े स्टेशनों में श्रीनगर व कर्णप्रयाग शामिल हैं। जनासू व देवप्रयाग स्टेशनों का कुछ हिस्सा टनल के भीतर है। बाकी सभी स्टेशन टनल के बाहर हैं।
गौरतलब है कि वीर शिरामणि माधो सिंह भंडारी ने 400 वर्ष पूर्व मलेथा गांव की असिंचित भूमि को सिंचित बनाने के लिए अपने दम पर सुरंग खोदकर गूल का निर्माण कर इंजीनियरिंग को अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया था। अब उसी मलेथा गांव में एक और सुरंग के निर्माण ने इतिहास को दोहराने का काम किया था। 400 साल पहले गांव की समृद्धि के लिए यह सुरंगा खोदी गई थी और अब ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के लिए यहां सुरंग का निर्माण किया गया है।