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HNB के लिए गौरव का क्षण, छात्रों की खोज को NASA की स्वीकृति

उत्तराखंड के प्रतिष्ठित संस्थान हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि(HNB) के लिए गौरव का पल है। विश्वविद्यालय के छात्र आज विभिन्न बड़े संस्थानों में अपनी सेवा दे रहे हैं। साथ ही जब हम शोध कार्यों की बात करते हैं तो आज ऐसे कई संस्थान है जहां पर हेमंती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय के छात्र शोध भी कर रहे हैं और एक ऐसे ही छात्र ने क्षुद्र ग्रह पर अंतरराष्ट्रीय माइनर प्लेनेट सेंटर अमेरिका आगे का शोध करने जा रहा है. यह पहला मौका होगा जब गढ़वाल विवि के किसी शोध पर माइनर प्लेनेट सेंटर अमेरिका का कोई शोध करेगा।

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इस उपलब्धि को लेकर विवि के छात्रों सहित अध्यापक गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. एचएनबी(HNB) की कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल ने भी छात्रों की इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दी। आपको बता दें कि, गढ़वाल विवि के भौतिक विज्ञान विभाग के पांच शोध छात्रों द्वारा खोजे गए एक क्षुद्र ग्रह की खोज को नासा ने स्वीकार किया था. पांचों छात्रों ने हवाई विश्वविद्यालय अमेरिका के पेन-स्टार्स टेलीस्कोप की सहायता से इस ग्रह की खोज की थी। भौतिक विज्ञानी डॉ. आलोक सागर गौतम के प्रतिनिधित्व में ये छात्र शोध कर रहे थे।

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एक महीने के शोध के बाद अपनी खोज की रिपोर्ट छात्रों द्वारा नासा भेजी गई। जिसे नारा ने प्रारंभिक खोज के रूप में स्वीकार कर लिया है।खोज में पाए गए क्षुद्र ग्रह को पी-11 एनवाइआइए नाम दिया गया है। शोधार्थी महावीर प्रसाद और संजीव कुमार ने जानकारी दी कि आगे का शोध माइनर प्लेनेट सेंटर अमेरिका द्वारा पूर्ण किया जाएगा। आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने अंतरराष्ट्रीय खगोलीय खोज कार्यक्रम के तहत क्षुद्र ग्रहों (एस्टेरायड) की खोज के लिए ऑनलाइन चयन प्रतियोगिता का आयोजन किया था।

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