पौड़ी: सालों बाद सड़क तो बनी, लेकिन कुछ ही दिनों में उखड़ गया कोलतार
पौड़ी: उत्तराखंड में ऐसे कई गांव है जहां अभी तक सड़के नहीं पहुंच पाई हैं और उन गांव के लोग सिर्फ इंतजार कर रहे हैं की एक ना एक दिन उनके यहां सड़क जरूर आएगी. इंतजार करना भी वाजिब है जब हम सड़क की बात करते हैं तो पहाड़ के दुरुस्त इलाकों को सड़क जोड़ती है, और जहां पैदल मार्ग से जो रास्ता घंटों का होता है, वहीं जब वो गांव सड़क से जुड़ जाती है तो समय बहुत कम हो जाता है. लेकिन उत्तराखंड के कई गांव की स्थिति सड़क होने के बावजूद भी सही नहीं है, ऐसे कई गांव है जहां पर सड़कें तो पहुंच जाती है लेकिन सालों तक वह सिर्फ पक्की होने की राह देखती रह जाती हैं.
और एक ऐसा ही मामला श्रीनगर विधानसभा के अंतर्गत एक पिछड़े हुए गांव बांसवाड़ा से सामने आया है, बांसवाड़ा से टीला गांव तक जाने वाली सड़क का इन दिनों डामरीकरण का काम चल रहा है यह काम पिछले कई सालों से ऐसे ही अधर में लटका हुआ था सालों से डामरीकरण के लिए जिला गांव के ग्रामीणों द्वारा बहुत आवाज उठाई गई, और फल स्वरुप अब जाकर बांसवाड़ा से ग्राम टीला तक जाने वाली सड़क का डामरीकरण शुरू हो गया है, लेकिन गांव वालों का आरोप है कि यह डामरीकरण मानकों के अनुरूप नहीं किया जा रहा है सिर्फ 2 महीने के अंदर ही पूरा का पूरा डामरीकरण ध्वस्त हो गया है और लगातार ठेकेदार पर मानकों का उल्लंघन का आरोप भी लग रहा है।
डामरीकरण में मानकों को ताक में रखकर कार्य किया जा रहा है जिससे अब ग्रामीण आक्रोशित हैं ग्राम टीला के ग्रामीण दिगंबर सिंह का कहना है कि उनके द्वारा पहले भी ठेकेदार को अवगत कराया गया था कि जो कार्य चल रहा है वह ठीक नहीं है लेकिन काम में अभी भी कोई सुधार नहीं है जिससे अब गांव के सभी ग्रामीण जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए नजर आ रहे हैं ग्रामीणों का साफ तौर से कहना है कि वह आने वाले दिनों में डामरीकरण की शिकायत को लेकर जिलाधिकारी पौड़ी से मुलाकात करेंगे और समस्या का निस्तारण करने की गुहार लगाएंगे वहीं ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर डामरीकरण मानकों के अनुरूप नहीं किया गया तो वह आंदोलन के लिए विवश होंगे।