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13 साल बाद मिला इंसाफ, जानिए अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट की पूरी कहानी

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट(Ahmedabad Serial Blast) पीड़ितों को 13 साल बाद आखिरकार इंसाफ मिल गया।  2008 में हुुए अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट(Ahmedabad Serial Blast)  केस में कोर्ट ने 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई और सेशंस कोर्ट ने 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। स्पेशल जज एआर पटेल ने फैसला सुनाते हुए मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार और चोटिल हुए लोगों को 25 हजार रुपए मुआवजे का ऐलान किया। साथ ही कोर्ट ने 48 दोषियों पर 2.85 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।

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क्या हुआ था उस दिन
26 जुलाई 2008 का वो दिन शायद ही कोई भूला सकता है। अहमदाबाद में मणिनगर के बाजार में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बाजार में धमाका हुआ। इसके बाद 70 मिनट के अंदर अहमदाबाद में कुल 21 और धमाके हुए। इन बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई और 200 से भी ज्यादा लोग घायल हो गये थे। इस दौरान पुलिस ने मणिनगर से दो जिंदा बम भी बरामद किये गये। इन धमाकों को आतंकियों ने टिफिन को साइकल में रखकर अंजाम दिया था। धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिद्दीन और स्टुडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया का हाथ था। इन धमाकों के 5 मिनट पहले आतंकियों ने न्यूज एजेंसियों को मेल करके धमाके रोकने की चुनौती भी दी थी। साथ ही इंडियन मुजाहिद्दीन ने दावा किया था कि ये धमाका 2002 में गोधरा कांड(godhra kand) का बदला लेने के लिये किया जा रहा है।

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