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ऋषिकेश एम्स में भ्रष्टाचार का खुलासा, CBI के घेरे में कई अधिकारी

ऋषिकेश एम्स में तैनात अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की टीम ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। बता दें कि ऋषिकेश एम्स में तैनात अधिकारियों और संबंधित कंपनी के द्वारा लगातार करोड़ों रुपए के घोटाले की शिकायत मिल रही थी। स्थानीय समाज सेवक द्वारा जब ऋषिकेश एम्स के बारे में सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी गई तो पता चला कि ऋषिकेश एम्स में दवाई के नाम हुए घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।

दवाई ट्रांसपोर्टेशन के ब्यौरे में जो बात सामने आई है वह बेहद ही चौंकाने वाली है। एम्स में दवाइयों की डिलीवरी पानी के जहाज द्वारा दर्शाई गई है लेकिन जिस पासपोर्ट से दवाइयों की डिलीवरी की गई है वह गाड़ियों का नंबर स्कूटी का निकला है। इस घोटाले के साथ ही कई अन्य घोटालों का भी पता चला है, जिसके बाद ऋषिकेश एम्स के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई भारत सरकार द्वारा इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को दी गई ,छापेमारी के दौरान पाया गया कि करोड़ों रुपए का घोटाला ऋषिकेश एम्स में हुआ है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम ने आरोप लगाया गया है कि आरोपी लोक सेवकों ने निविदा प्रक्रिया में घपला किया है, इतना ही नहीं प्रतिष्ठित बोलीदाताओं की जांच में भी बेईमानी की गई है। यह भी आरोप है कि आरोपियों ने इन निविदाओं में कार्टेल गठन को जानबूझकर नजरअंदाज किया। साथ ही अपराध के महत्वपूर्ण सबूतों से भी छेड़छाड़ की है।

रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद में 2.41 करोड़ रुपये (लगभग) और केमिस्ट शॉप की स्थापना के लिए टेंडर में 2 करोड़ रुपये (लगभग) का कथित नुकसान एम्स को हुआ।दोनों मामलों में आज उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित 24 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। समाचार भेजे जाने तक सीबीआई की छापेमारी जारी है।

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