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सूचना में देरी के लिए डीएसओ पर लगा जुर्माना, जानिए पूरा मामला

सूचना में देरी मामले में राज्य सूचना आयोग (State Information Commission) ने देहरादून के जिला पूर्ति अधिकारी (district supply officer) जसवंत सिंह कंडारी पर दस हजार रुपये का जर्माना लगाया है। राज्य सूचना आयुक्त चंद्र सिंह नपलच्याल ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सूचना में देरी के लिए कोरोना को बहाना नहीं बनाया जा सकता। नेहरू कालोनी के रहने वाले भूपेंद्र कुमार लक्ष्मी ने देहरादून के कुछ सस्ता गल्ला विक्रेताओं के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत (right to information)सूचना मांगी थी।

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उनकी ओर से कहा गया था कि सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं के पास खाद्य सुरक्षा योजना शुरू होने से पहले कुल कितने कार्डधारक थे, हर दुकानदार के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित सूचना दी जाए। इसके अलावा यह भी बताया जाए कि खाद्य सुरक्षा योजना लागू होने के बाद सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता दुकानदारों की दुकानों में कितने राशन काडों का नवीनीकरण हुआ हर दुकानदार के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित इसकी सूचना उपलब्ध करवाएं। यह भी बताएं कि एक जनवरी 2019 से 17 सितंबर 2019 तक कुल गेहूं, चावल, चीनी आदि अन्य जितने भी तरह के राशन का उठाया गया है, हर दुकानदार के क्रमानुसार एवं प्रत्येक माह के क्रमानुसार विभागीय प्रमाण सहित सूचना दी जाए।

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तय समय पर सूचना न मिलने पर उन्होंने डीएम कार्यालय में प्रथम अपील की। जबकि इसके बाद दूसरी अपील सूचना से आयोग में की गई। आयोग की ओर से कहा गया कि सूचना देने में देरी के लिए कोविड को बहाना नहीं बनाया जा सकता। डीएसओ पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। जिसे अगले तीन महीने में जमा कराना होगा। ऐसा न करने पर जिलाधिकारी देहरादून जो इस प्रकरण में पूर्व से ही विभागीय अपीलीय अधिकारी के रूप में पक्षकार हैं, के द्वारा डीएसओ के वेतन से इस राशि की कटौती कर राजकोष में जमा कराई जाएगी।

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