पट्टी दोगी क्षेत्र की ग्राम पंचायत मंज्याड़ी व लोयल में भारी बारिश से तबाही
खेतों में खड़ी फसल,पैदल मार्ग,पेयजल पाइप लाइनें,विद्यालय व मकान चौक तथा बकरी चढी़ मलबे की भेंट
प्राकृतिक आपदा से मंज्याड़ी गांव आया खतरे की जद में ग्रामीणों ने की विस्थापन की मांग
वाचस्पति रयाल
नरेन्द्रनगर। बीते मंगलवार सायं 7 बजे से शुरू हुई भीषण मूसलाधार बारिश का कहर बुधवार 11 बजे दिन तक ऐसा जारी रहा कि पट्टी दोगी क्षेत्र की ग्राम पंचायत मंज्याड़ी में आई आपदा ने सभी को झकझोर कर रख दिया।
मंज्याड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत तिमली (टोलकी) स्थित प्राथमिक विद्यालय का पुस्ता मलबे के सैलाब के भेंट चढ़ गया और विद्यालय बिल्डिंग खतरे की जद में आ गई है,वहीं ग्राम पंचायत लोयल के अंतर्गत कुंड्या में कर्ण सिंह राणा का मकान डहने से मकान के अंदर बंधी बकरी मलबे के ढेर में दब कर दम तोड़ गई।
रात भर हुई भीषण मूसलाधार बारिश ने ग्राम पंचायत मंज्याड़ी व लोयल पर ऐसा कहर बरपाया कि रात भर लोग किसी अनहोनी घटना की आशंका से जागने को मजबूर रहे। मंज्याड़ी के ग्रामीणों की आशंका उस वक्त सच साबित हुई, जब पौ फटने से पूर्व घुप अंधेरे में बादलों की गर्जना के साथ गांव के बीच गधेरे से उफनते पानी के साथ मिट्टी-पत्थरों का सैलाब लहलहाते खेतों की खड़ी फसलों,पैदल मार्गो,पेयजल पाइपलाइनों, प्राथमिक विद्यालय की दीवार व खेतों के पुस्तों को तोड़ता हुआ कुछ ही मिनटों म सब कुछें तबाह कर गया।
प्रकृति की इस मार से डरे सहमे ग्रामीणों ने किसी तरह रात काटी,तो सुबह उठते ही गांव का बदले हुए मंजर को देख कर वे अवाक रह गये। मंज्याड़ी ग्राम पंचायत के प्रधान राजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इतनी भारी बारिश से गांव में कई लोगों के मकानों पर दरारें पड़ गई हैं।। उन्होंने बताया कि गांव के ऊँचाई वाले क्षेत्र उपरापंथी तोंक में बादल फटने की भयानक आवाज बहुत देर रात सुनकर लोग बेहद डर गये थे,देखते ही देखते गांव के बीच से गुजर रहा पूरा गधेरा मिट्टी, पानी और पत्थरों के सैलाब के साथ सब कुछ तबाह कर गया।
गधेरे के ऊपर निर्मित 1 दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाला पुल आपदा की भेंट ऐसे चढ़ा कि पुल का नामोनिशान ही मिट गया। यहां पर पानी का स्रोत भी जमींदोज हो गया। प्रधान राजेंद्र सिंह रावत का कहना है कि ग्राम पंचायत के अंतर्गत लगभग 100 लोगों के खेत और फसलें मलबे की भेंट चढ़ गए।
राजेंद्र सिंह रावत का कहना है कि ग्राम पंचायत के अंतर्गत बहुत सारी सरकारी विकास योजनाएं प्रगति पर थी,मगर इस आपदा ने मनरेगा,भूमि सुधार,संपर्क मार्ग, सीसी मार्ग,कृषि विभाग के अंतर्गत गोबर गड्ढे सभी कुछ तहस-नहस करके रख दिया। प्रधान का कहना है कि गांव के सोवन सिंह, सरोप सिंह, उत्तम सिंह, रिखुली देवी के मकान खतरे की जद में आ चुके हैं,जबकि केवल सिंह रावत का चौक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है।
कहा कि वर्ष 2014 में भी इस गांव में भारी आपदा आई थी,तब भी लोगों ने विस्थापन की मांग की थी और अब इस दूसरी आपदा को झेलने में असमर्थ ग्रामीणों ने सरकार से विस्थापन की मांग की है।
कहा कि गांव का जल्द से जल्द मौका मुआयना हो और खतरे की जद में आ चुके इस गांव का विस्थापन किया जाए।
उधर उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर ने पट्टी दोगी क्षेत्र के आपदा ग्रस्त क्षेत्र तथा गांव का भ्रमण किया है उन्होंने कहा कि गूलर के पास एक भारी चट्टान टूटकर सड़क पर आ गिरी है। . लिंक रोड बंद होने की सूचना लोक निर्माण विभाग को दी गई थी।
सरदार सिंह पुंडीर ने लोक निर्माण विभाग के कार्य शैली पर प्रसन्नता जताते हुए कहा है कि सूचना पाते ही उन्होंने मलवा हटाने के लिए जेसीबी को मौके पर भेज दिया था। इसके लिए उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान की कार्यशैली की प्रशंसा की है। और कहा कि अन्य अधिकारियों और विभागों को भी ऐसे अधिकारी की कार्यशैली से प्रेरणा लेनी चाहिए। सरदार सिंह पुंडीर ने ग्राम पंचायत मंज्याड़ी तथा लोयल में बारिश से हुए भारी नुकसान पर चिंता जताते हुए प्रदेश सरकार से मांग की है कि आपदा ग्रस्त पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान की जाए।