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देहरादून-माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैंयारी, रोजगारपरक बनाने का उद्देश्य

देहरादूनः उत्तराखंड में माध्यमिक शिक्षा(secondary education) के पाठ्यक्रम(curriculum) में बदलाव करने की तैंयारी की जा रही है। इस मुहिम के तहत फिलहाल राज्य के 50 फ़ीसदी स्कूलों में रोजगारपरक कोर्सेज की पढ़ाई करवाई जाएगी। नवीं कक्षा से 12 वीं कक्षा तक के छात्र इसे अतिरिक्त विषय के तौर पर ले सकते हैं। पाठ्यक्रम रोचक और रोजगार परक बने इसी उद्देश्य से शिक्षा विभाग ये बदलाव करने की तैयारी में है।

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उत्तराखंड में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में नए बदलाव की तैयारी चल रही है। छात्रों को अब अपनी पसंद के किसी ट्रेड में तकनीकी रूप से दक्ष होने का मौका मिल सकेगा। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्किल इंडिया अभियान के तहत राज्य में समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में अब सामान्य विषयों की पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार से जुड़े पाठ्यक्रमों(curriculum) की पढ़ाई भी होगी। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्कूलों को रोजगारपरक शिक्षा पर जोर देने की बात कही गई है। इसके तहत अगले चार साल में 50 प्रतिशत (secondary education) माध्यमिक स्कूलों को जोड़ा जाएगा। राज्य के 2300 स्कूलों में से 1150 में अगले पांच साल के भीतर वोकेशनल कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया गया है। रोजगार का पाठ्यक्रम रामनगर बोर्ड और आईटीआई से मान्य होगा। यह प्रावधान किया जा चुका है। स्कूलों में रोजगार की पढाई कार्यक्रम के तहत राज्य के 200 स्कूल पहले चरण में चिह्नित हो चुके हैं। अब बाकी 950 स्कूलों को पांच साल में सिलसिलेवार इसके दायरे में लाया जाएगा।

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यह ट्रेड होंगे शामिल

राज्य में 9वीं से 12वीं तक की कक्षा के छात्रों को ऑटोमोबाइल, आईटी, नर्सिंग, ब्यूटी पार्लर, रिटेल सर्विस, होस्पिटेबिलिटी समेत आठ ट्रेड को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। फिलहाल इन्हें एक अतिरिक्त विषय के रूप में रखा गया है। इच्छुक छात्र इनका चयन कर इन ट्रेड की विशेष स्किल सीख सकते हैं।

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