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देश की प्रथम योग पॉलिसी पर विचार-विमर्श को हुई बड़ी बैठक…

देश की प्रथम योग पॉलिसी पर विचार-विमर्श हेतु सचिवालय में आयुष विभाग द्वारा बैठक आयोजित की गई। जिसमें देश भर के योग विशेषज्ञों तथा योग संबंधी पॉलिसी मेकर्स को आमंत्रित किया गया। इस बैठक में 30 से अधिक योग विशेषज्ञों ने योग पॉलिसी पर अपने विचार साझा किए।विशेषज्ञों ने बताया कि उत्तराखण्ड का योग और ध्यान की प्राचीन पद्धति के साथ गहराई से जुड़ाव है।

उत्तराखण्ड समृद्ध इतिहास के साथ ही सदियों से आध्यात्मिक और योगिक अन्वेषण का केंद्र रहा है। देवभूमि में योग का अद्वितीय सांस्कृतिक महत्व है। बैठक में बताया गया कि उत्तराखण्ड में अनेकों योग आश्रम और आध्यात्मिक केंद्र हैं जो योग परंपराओं के प्रचार और प्रसार एवं संरक्षण संवर्धन में योगदान दे रहे हैं।  उत्तराखण्ड अपनी अंतर्निहित योग संस्कृति के साथ ही योग के सार को बढ़ावा देने का गवाह बना है। बैठक में आयुष विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि योग को शिक्षा प्रणाली में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष HWC द्वारा नियमित शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।

वहीं अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने  सचिवालय में 15 दिवसीय आयुष्कामीय आयुष स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया। स्वास्थ्य शिविर में मर्म चिकित्सा, लीच थैरेपी, अग्निकर्म, पंचकर्म, आयुर्वेदिक न्यूरो थैरेपी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी व नियमित योग सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा शिविर में योग ब्रेक प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। शिविर में निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे चिकित्सकों द्वारा भी कैंसर, डायबिटीज रिवर्सल, हृदय रोग, गुदा रोग, क्षार सूत्र संबंधी परामर्श व निशुल्क जांच की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य उन्नयन हेतु विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे।

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