उत्तराखंड के सभी विश्वविद्यालयों में अगले साल से लागू होगी नई शिक्षा नीति
देहरादून मिरर/देहरादून|
उत्तराखंड के सभी विश्वविद्यालयों में अगले साल से लागू की जाएगी नई शिक्षा नीति | बता दे की उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत का कहना है की योजनाबद्ध तरीके से इस पर काम के लिए समिति का गठन किया गया है। ।
उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत यह बात यहां दून विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति पर अमल एवं पाठ्यक्रम तय करने को लेकर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कही। मंत्री का कहना है कि इसके तहत विभिन्न कोर्सों के पाठ्यक्रम किये जायेंगे तैयार जो शिक्षा नीति की मूल आत्मा के अनुरूप एवं व्यवहारिक होने के साथ-साथ रोजगारपरक भी होंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के ड्रॉफ्ट को आए हुए एक साल हो चुका है। जिसे बहुत ही जल्द लागू करने की जरुरत है। इस नीति के दूरगामी प्रभाव है। उन्होंने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक, सभी विभागाध्यक्ष एवं अध्यापक नई शिक्षा नीति पर योजनाबद्ध तरीके से युद्ध स्तर पर काम करें, जिसके लिए उन्होंने पांचों विश्वविद्यालयों को आपस में बातचीत कर काम शुरू करने को कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में नई नीति के तोर पर पहले से ही क्रेडिट बैंक, क्रेडिट ट्रांसफर, डिजिटल मार्कशीट एवं सर्टिफिकेट आदि पर काम चल रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालयों को अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर जल्द ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की जरुरत है ताकि इसका फायदा छात्र-छात्राओं को मिल सके|
बता दे की कार्यशाला में नई शिक्षा नीति पाठ्यक्रम तैयार करने वाली कमेटी एवं कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नीति में कौशल विकास, विषयों के चुनने में सहजता, ऑनलाइन कोर्सेज को भी पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। कार्यशाला में कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी, प्रो. एनके जोशी, प्रो. पीपी ध्यानी, प्रो. एनएस. भंडारी, सलाहकार रूसा प्रो. केडी. पुरोहित, प्रो. सुरेखा डंगवाल, प्रो. एमएसएम रावत, कुलसचिव डॉ. एमएस मद्रवाल, प्रो. कुसुम अरुणांचलम, प्रो. एचसी. पुरोहित, प्रो. आरपी ममंगाईं, प्रो. आशीष कुमार, प्रो. हर्ष डोभाल, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. हरे कृष्ण, प्रो. दिनेश चंद्र गोस्वामी, प्रो. शेखर जोशी मौजूद रहे।