इगास पर है भैलो की चर्चा जानिए क्या होता है भैलो।
देहरादून मिरर/ देहरादून।
इगास पर सार्वजनिक अवकाश देने के कारण इस बार लोकपर्व इगास धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी बीच इगास के साथ भैलो भी चर्चाओं में हैं। भैलो गावों में ग्रामीण द्वारा बनाया जाता है और इससे इगास का उत्साह दुगना हो जाता है। भैलो एक हरी मजबूत और चीड़ की बारीक लकड़ियों जिन्हें छिलका कहा जाता है उन्हें बांधकर बनाया जाता है। इगास पर भैलो खेलने का उत्साह खासकर युवाओं को होता है। इसे बनाने के लिए दो या तीन दिन पहले से ही चीड़ की लीसायुक्त लड़कियों को इकट्ठा कर लिया जाता है। और फिर इगास के दिन इन्हें हरी बेल से बाँध कर गट्ठर बना लिया जाता है। इगास के दिन शाम को इसकी पूजा करने के बाद देवताओं को भोग लगाकर खाना खाने के बाद खेतों में जाकर इसमें दोनों तरफ आग लगाकर अपने शरीर के चारों तरफ घूमाते हुए, लोकगीतों की धुनों के साथ ही गाँव की सुख समृद्धि की कामना की जाती है।